मिस्र की सभ्यता (Misr Ki Sabhyata)
हेलो दोस्तों, आज हम इस ब्लॉक में आपको बताएंगे कि मिस्र की सभ्यता (Misr Ki Sabhyata) क्या है, और मिस्र की सभ्यता की भौगोलिक स्थिति क्या थी और मिस्र की सभ्यता की खोज किसने की थी और इसका इतिहास भी जानेंगे !
Contents
- 1 मिस्र की सभ्यता (Misr Ki Sabhyata)
- 2 मिस्र की सभ्यता क्या है? (Misr Ki Sabhyata Kya Hai)
- 3 मिस्र की भौगोलिक स्थिति (Misr ki Bhogolik Sthiti ) –
- 4 मिस्र की सभ्यता की खोज (Misr Ki Sabhyata Ki Khoj) –
- 5 मिस्र की सभ्यता के ज्ञान के साधन (Misr Ki Sabhyata ke Sadhan) –
- 6 मिस्त्र की सभ्यता का इतिहास (Misr ki Sabhyata Ka Itihas) –
मिस्र की सभ्यता (Misr Ki Sabhyata)
मिस्र की सभ्यता क्या है? (Misr Ki Sabhyata Kya Hai)
कांस्य कालीन अन्य सभ्यताओं में मिस्र की सभ्यता का स्थान भी बहुत महत्वपूर्ण है मिस्र की सभ्यता का विकास उत्तरी अफ्रीका की नील नदी के घाटी में हुआ था इसलिए इस सभ्यता को नील नदी की देन और नील घाटी की सभ्यता भी कहा जाता है !
मिस्र की भौगोलिक स्थिति (Misr ki Bhogolik Sthiti ) –
यह देश मिस्र अफ्रीका महाद्वीप के उत्तर पूर्वी भाग में नील नदी की घाटी में स्थित है मिस्र के उत्तर में भूमध्य सागर पश्चिम में सहारा मरुस्थल दक्षिण में घने जंगल तथा पूर्व में लाल सागर है आज से 5 हजार वर्ष पहले मिस्र का सिकंदरिया संसार का एक प्रसिद्ध बंदरगाह और व्यापारिक केंद्र माना जाता है नील नदी को मिस्र की सभ्यता का जन्म दायिनी माना जाता है सेबाइन के अनुसार यदि नील नदी ना होती तो मिश्र एक विशाल मरुस्थल बन गया होता इसलिए प्राचीन यूनानी इतिहासकार हेरोडोटस ने मिस्र को नील नदी का वरदान कहा है सखाराम देसाई के अनुसार मिस्र की सभ्यता नील नदी का उपहार है।
मिस्र की सभ्यता की खोज (Misr Ki Sabhyata Ki Khoj) –
इस सभ्यता की खोज का श्री नेपोलियन बोनापार्ट को दिया जाता है सन 1798 मेन नेपोलियन ने अपनी मिस्त्री अभियान के दौरान नील नदी के मुहाने पर स्थित रोजेटा नामक स्थान पर एक पत्थर का शिलालेख प्राप्त किया 1.12 मीटर लंबे तथा 70 सेंटीमीटर चौड़े इस शिलालेख पर मिस्र के यूनानी राजा के शासनकाल की घटनाएं लिखी हुई थी इसके बाद थॉमस यंग और अकेटस्लाद ने भी मिश्री भाषा को पढ़कर संसार को प्राचीन मिस्र की सभ्यता का ज्ञान करा दिया सन् 1922 मैं हावर्ड कार्टर नामक एक अंग्रेज ने तूतेन खामन के पिरामिड के गुप्त द्वार की खोज करके पिरामिड मिस्र की सभ्यता तथा संस्कृति संस्कृत का प्रकाशित किया ।
मिस्र की सभ्यता के ज्ञान के साधन (Misr Ki Sabhyata ke Sadhan) –
इस सभ्यता के ज्ञान के अनेक साधन है जिनमें रोजेटा शिलालेख के अतिरिक्त विशालकाय पिरामिड मिस्त्री राजा और रानियों की मूर्तियां भव्य मंदिर आज रूप से उल्लेखनीय है टालेमी के दरबारी इतिहासकार मेनिथो ने मिस्र के सभी महत्वपूर्ण राजाओं की वंशावली तैयार की थी जो आज भी संपूर्ण अवस्था में उपलब्ध है इससे भी मिस्र के प्राचीन इतिहास पर प्रकाश प्रकाश पड़ता है।
मिस्र की सभ्यता के काल या अवधि के संबंध में विद्वानों में मतभेद हैं पेरी ने मिस्र की सभ्यता को विश्व की सबसे प्राचीन सभ्यता माना है रैविल नामक इतिहासकार का मानना है कि मिस्र की सभ्यता 5000 से 2000 के बीच फली फूली थी ।
मिस्त्र की सभ्यता का इतिहास (Misr ki Sabhyata Ka Itihas) –
पिलण्डर्स बैटरी पैट्री नामक इतिहासकार के अनुसार मिस्र की सभ्यता का आरंभ आज से लगभग 10 हजार वर्ष पहले ही हो गया था परंतु मिस्र में राजनीतिक संगठन का प्रादुभार्व 5 हजार ईसा पूर्व में हुआ पहले मिस्र में छोटे-छोटे नगर राज्य स्थापित हुए फिर मेनीज नामक शक्तिशाली राजा ने नगर राज्यों को एकता के रूप में संगठित करके एक विशाल राज की स्थापना की 3400 ईसा पूर्व में मेनीज ने मैंफिस को अपने राज्य की राजधानी बनाया और मिस्र में राजतंत्र शासन प्राणाली की न्यू दिल्ली नींव डाली। मेनीज को ही मिस्र में प्रथम राजवंश का संस्थापक और मिश्र का पहला राजा माना जाता है।
मिस्र में लगभग 31 राजवंशों ने 3100 वर्षों तक शासन किया और अंत में 322 ईसा पूर्व में सिकंदर महान ने मिश्र को जीतकर यूनानी साम्राज्य में मिला लिया !
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हेलो दोस्तों, हमारे इस ब्लॉक में आपने आज मिस्र की सभ्यता (Misr Ki Sabhyata) के बारे में सीखा है और मिस्र की भौगोलिक स्थिति क्या थी और मिस्र की सभ्यता की खोज कब हुई थी और मिस्र की सभ्यता का इतिहास के बारे में जानना है, धन्यवाद!